Friday, April 17, 2020

#सबका_मालिक_एक


ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 5 पूर्ण परमात्मा जब पृथ्वी लोक पर आता है तो पूर्व जन्म के भक्ति युक्त भक्तों के पास तथा नए मनुष्यों को नए भक्ति संस्कार उत्पन्न करने के लिए वृद्ध रूप में सफेद दाढ़ी युक्त होकर जंगल तथा ग्राम में भक्तों के पास विद्युत जैसी तीव्रता से जाता है और सत्य भक्ति प्रदान करके मोक्ष प्राप्त कराता है । - सतगुरू रामपाल जी महाराज द्वारा भाषा - भाष्य ।
पूर्णप्रभु कभी माँ से जन्म नहीं लेता का प्रमाण यजुर्वेद अध्याय नं . 40 श्लोक नं . 8 स पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविवम शुद्धमपापविद्यम् । कविर्मनीषी पविभूः स्वयम्भूयथातथ्यतो अर्थव्यदधाच्छाश्वतीभ्यः समाभ्यः । । कविर्देव का शरीर नाडियों से बना हुआ नहीं है । इनका शरीर माता - पिता के संयोग से बना पांच तत्व का नहीं है यह परमात्मा कविर् है वही सर्वज्ञ है , स्वयं प्रकट होता है , माँ से जन्म नहीं लेता । - सतगुरू रामपाल जी महाराज द्वारा भाषा - भाष्य ।
पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है उस समय कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है । ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9


ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वहिन मरूतः गणेन कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्रम् अत्येति रेभन् । पूर्ण परमात्मा कविर्देव मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर अपने ज्ञान को कबीर बाणी के द्वारा अपने अनयायियों को सन्त व कवि रूप में कविताओं लोकोक्तियों के द्वारा उच्चारण करके वर्णन करता है । - सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा अनुवादित ।
वेद प्रमाणित करते हैं कबीर साहिब भगवान हैं पूर्ण परमात्मा कविर्देव ( कबीर परमेश्वर ) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है । - ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18


🔅कबीर परमात्मा ही सर्व के मालिक हैं, चाहे हिन्दू हों, मुस्लिम हों, सिख हों या ईसाई। इसका प्रमाण सर्व सदग्रंथों में विद्यमान है। 

🔅पवित्र बाईबिल- Iyov 36:5 भी प्रमाणित करती है कि  परमेश्वर कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं, (सामर्थी) हैं और विवेकपूर्ण हैं।
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता।

🔅पूर्ण परमात्मा कविर्देव सबके मालिक हैं। वही चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।

🔅पवित्र कुरान भी प्रमाणित करती है कि कबीर अल्लाह ही सबका मालिक है। क़ुरान में लिखा है कबीर अल्लाह ही पूजा के योग्य हैं।
वह सर्व पापों को विनाश करने वाले हैं। उनकी पवित्र महिमा का गुणगान करो - सुरत-फुर्कानि 25:58

🔅नानक देव जी की पवित्र वाणी भी प्रमाणित करती है 
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" सर्व के मालिक हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।

🔅सब का एक ही मालिक है कबीर परमात्मा। वही सतगुरु रूप में आकर तत्वज्ञान देते हैं।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।

🔅पवित्र वेद भी प्रमाण देते हैं कि सबका मालिक कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32

🔅"सर्व शक्तिमान सबका मालिक एक परमेश्वर कबीर ही है"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद

🔅सबका मालिक एक व उसका नाम कबीर (कविर देव) है। - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7

🔅सबका मालिक पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही पूर्ण मोक्षदायक हैं।

🔅कबीर परमात्मा सबका मालिक है, वही पाप का शत्रु है, पाप विनाशक है।
यजुर्वेद 5:32

🔅कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं 
"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।

🔅पवित्र कुरान प्रमाणित करती है अल्लाह कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं।
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 52
कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अडिग रहना।



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