Friday, April 24, 2020

सत गुरु कौन है ?

♦️सतभक्ति से मोक्ष
मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।
♦️सतभक्ति से रोग नाश
असाध्य बीमारियों का इलाज सतभक्ति से ही संभव है।
इसलिए सतभक्ति अपनाएं, जीवन सफल बनायें।
♦️सतभक्ति से जीवन सुखी
सतभक्ति से इंसान इस जीवन में भी सुखी रहता है व उसको मृत्यु के पश्चात भी सही ठिकाना मिल जाता है।
♦️भक्ति से जीवन उद्धार
भक्ति से इंसान को सही दिशा मिलती है नहीं तो वह पशु के समान रहता है।
♦️भक्ति का महत्व
भक्ति करने से हमारे विचारों में शुद्धता आती है और आत्मा पवित्र बन जाती है।
♦️जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए भक्ति ज़रूरी है।
सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं।

♦️भक्ति क्यों ज़रूरी है?
मोक्ष प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति ज़रूरी है।
♦️भक्ति से आर्थिक मानसिक और शारीरिक सुख होता है। इसलिए भक्ति करना ज़रूरी है।

♦️सत भक्ति करने से अहंकार से दूर होकर मनुष्य नेक इंसान बन कर सुखी जीवन व्यतीत करता है।

♦️पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सत भक्ति करने से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलता है।

♦️भक्ति करने से आने वाली आपदाएं दूर होती हैं। 

♦️भक्ति करने से हमारे अंदर आत्म संतोष आता है ।






अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक 'ज्ञान गंगा '
यह पुस्तक फ्री डाऊनलोड करे हमारी वेबसाइट से 

https://www.jagatgururampalji.org/en/publications/book link

सत गुरु कौन है ?

♦️सतभक्ति से मोक्ष
मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।
♦️सतभक्ति से रोग नाश
असाध्य बीमारियों का इलाज सतभक्ति से ही संभव है।
इसलिए सतभक्ति अपनाएं, जीवन सफल बनायें।
♦️सतभक्ति से जीवन सुखी
सतभक्ति से इंसान इस जीवन में भी सुखी रहता है व उसको मृत्यु के पश्चात भी सही ठिकाना मिल जाता है।
♦️भक्ति से जीवन उद्धार
भक्ति से इंसान को सही दिशा मिलती है नहीं तो वह पशु के समान रहता है।
♦️भक्ति का महत्व
भक्ति करने से हमारे विचारों में शुद्धता आती है और आत्मा पवित्र बन जाती है।
♦️जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए भक्ति ज़रूरी है।
सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं।

♦️भक्ति क्यों ज़रूरी है?
मोक्ष प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति ज़रूरी है।
♦️भक्ति से आर्थिक मानसिक और शारीरिक सुख होता है। इसलिए भक्ति करना ज़रूरी है।

♦️सत भक्ति करने से अहंकार से दूर होकर मनुष्य नेक इंसान बन कर सुखी जीवन व्यतीत करता है।

♦️पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सत भक्ति करने से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलता है।

♦️भक्ति करने से आने वाली आपदाएं दूर होती हैं। 

♦️भक्ति करने से हमारे अंदर आत्म संतोष आता है ।






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Sunday, April 19, 2020

#Who_is_Real_SadGuru

💫पवित्र वेदों व गीता जी आदि पवित्र सदग्रंथों में प्रमाण मिलता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म की वृद्धि होती है तब परमेश्वर स्वयं आकर या अपने परम संत यानी सच्चे सतगुरु को भेजकर सत्य ज्ञान के द्वारा धर्म की पुनर्स्थापना करता है।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज द्वारा ही सत्य ज्ञान दिया जा रहा है।
💫श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 - 4, 16, 17 में कहा गया है जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभाग बता देगा वह पूर्ण गुरु/सच्चा सद्गुरु है।
यह तत्वज्ञान केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं।
💫यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 25 के अनुसार तत्वदर्शी संत वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है। 
ऐसा केवल संत रामपाल जी महाराज ही कर रहे हैं।
💫पूर्ण संत तीन प्रकार के मंत्रों को तीन बार में उपदेश करेगा जिसका वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ 265 पर बोध सागर में मिलता है। गीता जी के अध्याय 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या 822 में मिलता है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत हैं जो तीन प्रकार के मंत्रों  का तीन बार में उपदेश करते हैं।
💫सच्चा सतगुरु वही है जो भक्त समाज को शास्त्र अनूकूल भक्ति साधना बताए।
शास्त्र अनूकूल भक्ति साधना केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही मौजूद है।
💫सच्चा सतगुरु वो है जो हमारे सभी धर्मों के सदग्रन्थों से प्रमाणित ज्ञान व सतभक्ति देकर मोक्ष दिला दे।
मोक्षदायक भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है।

💫पूर्ण गुरु जब सत्य ज्ञान का प्रचार करता है तो सभी नकली गुरु जनता द्वारा उसका विरोध करा देते हैं। जबकि पूर्ण गुरु का ज्ञान शास्त्र प्रमाणित होता है।
ये बातें संत रामपाल जी महाराज पर ही खरी उतरती हैं।
💫जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।। 
-पूर्ण संत रामपाल जी महाराज
पूर्ण गुरु समाज से जाति व धर्म का भेद मिटाता है।

💫आज तक किसी भी संत ने यह नहीं बताया कि श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान काल/ब्रह्म ने श्रीकृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था। 
यह भेद केवल पूर्ण संत रामपाल जी ने ही प्रमाण सहित बताया है।

💫वेद कतेब झूठे नाहि, झूठे हैं जो समझे नाहि।
पूर्ण गुरु सभी सद्ग्रन्थों का ज्ञाता होता है।
सद्ग्रन्थों की पूर्ण जानकारी केवल पूर्ण संत रामपाल जी महाराज के पास ही है।

💫नकली संत कहते हैं कि सद्भक्ति से पापकर्म नहीं कटते, भोगने ही पड़ेंगे। जबकि सच्चे गुरु संत रामपाल जी महाराज सभी शास्त्रों से प्रमाणित करके बताते हैं कि सद्भक्ति से पापकर्म कटते हैं और कैंसर क्या कैंसर का बाप भी ठीक होता है।

💫सच्चा सतगुरु अपने सत्य ज्ञान से स्वच्छ समाज का निर्माण करता है। संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में पाखण्ड मुक्त, नशा मुक्त, दहेजमुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त समाज तैयार हो रहा है।

💫वह संत सभी धर्म ग्रंथों का पूर्ण जानकार होता है।
वर्तमान में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही हैं जो सभी सद्ग्रन्थों के पूर्ण जानकार हैं, उनके द्वारा बताई गई भक्ति विधि भी पूर्ण रूप से शास्त्रों से प्रमाणित है।

💫 संत गरीबदास जी के अनुसार पूर्ण संत की पहचान
पूर्ण संत तीन समय की पूजा बताता है। सुबह पूर्ण परमात्मा की पूजा, दोपहर को विश्व के देवताओं का सत्कार व संध्या आरती अलग से बताता है वह जगत का उपकारक संत होता है।
वर्तमान में वह पूर्ण संत रामपाल जी महाराज ही हैं।

💫कबीर साहिब अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को बताते हैं कि जो मेरा संत सतभक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे यह उसकी पहचान होगी।
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावे।
वाके संग सभी राड बढ़ावे।।
यह सब बातें सच्चे सतगुरु रामपाल जी महाराज पर ही खरी उतरती हैं।

💫सच्चा सतगुरु वही है जिसके द्वारा बताई गई भक्ति विधि शास्त्र प्रमाणित हो।
शास्त्र प्रमाणित भक्ति पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है।

💫सच्चा सतगुरु वो है जो हमारे सभी धर्मों के सदग्रन्थों से प्रमाणित ज्ञान व सतभक्ति देकर जन्म-मृत्यु से छुटकारा दिला दे।
सद्ग्रन्थों पर आधारित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज ही बताते हैं।

💫 सतगुरु की पहचान संत गरीबदास जी की वाणी में -
”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“
पूर्ण संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
सभी सद्ग्रन्थों के पूर्ण जानकर संत रामपाल जी महाराज हैं जो सतभक्ति देकर मानव को सभी बुराइयों से दूर कर रहे हैं।

💫पूर्ण संत की पहचान
पूर्ण संत भिक्षा व चंदा मांगता नहीं फिरेगा।

💫पवित्र सदग्रन्थों जैसे श्रीमद्भगवद गीता जी, वेद, गुरु ग्रंथ साहेब, बाइबिल, कुरान से कबीर साहेब जी को परमात्मा सिद्ध करने वाले संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण तथा सच्चे गुरु हैं।

💫यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25, 26 में लिखा है कि जो वेदों के अधूरे वाक्यों अर्थात सांकेतिक शब्दों व एक चौथाई श्लोकों को पूरा करके विस्तार से बताएगा व तीन समय की पूजा करवाएगा। वह जगत का उपकारक संत सच्चा सतगुरु होगा।
इस परमार्थ के कार्य को केवल संत रामपाल जी महाराज ही कर रहे हैं।

💫पूर्ण गुरु के लक्षण
पूर्ण संत सर्व वेद-शास्त्रों का ज्ञाता होता है। 
दूसरे वह मन-कर्म-वचन से यानि सच्ची श्रद्धा से केवल एक परमात्मा समर्थ की भक्ति स्वयं करता है तथा अपने अनुयाईयों से करवाता है। 
तीसरे वह सब अनुयाईयों से समान व्यवहार (बर्ताव) करता है।
चौथे उसके द्वारा बताया भक्ति
कर्म वेदों में वर्णित विधि के अनुसार होता है।

💫कुरान ज्ञान दाता हजरत मुहम्मद जी को कहता है कि उस अल्लाह की जानकारी किसी बाख़बर इल्मवाले संत से पूछो।
वह बाख़बर इल्मवाले संत रामपाल जी महाराज हैं जो अल्लाह की सम्पूर्ण जानकारी रखते हैं।

Friday, April 17, 2020

#सबका_मालिक_एक


ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 5 पूर्ण परमात्मा जब पृथ्वी लोक पर आता है तो पूर्व जन्म के भक्ति युक्त भक्तों के पास तथा नए मनुष्यों को नए भक्ति संस्कार उत्पन्न करने के लिए वृद्ध रूप में सफेद दाढ़ी युक्त होकर जंगल तथा ग्राम में भक्तों के पास विद्युत जैसी तीव्रता से जाता है और सत्य भक्ति प्रदान करके मोक्ष प्राप्त कराता है । - सतगुरू रामपाल जी महाराज द्वारा भाषा - भाष्य ।
पूर्णप्रभु कभी माँ से जन्म नहीं लेता का प्रमाण यजुर्वेद अध्याय नं . 40 श्लोक नं . 8 स पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविवम शुद्धमपापविद्यम् । कविर्मनीषी पविभूः स्वयम्भूयथातथ्यतो अर्थव्यदधाच्छाश्वतीभ्यः समाभ्यः । । कविर्देव का शरीर नाडियों से बना हुआ नहीं है । इनका शरीर माता - पिता के संयोग से बना पांच तत्व का नहीं है यह परमात्मा कविर् है वही सर्वज्ञ है , स्वयं प्रकट होता है , माँ से जन्म नहीं लेता । - सतगुरू रामपाल जी महाराज द्वारा भाषा - भाष्य ।
पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है उस समय कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है । ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9


ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वहिन मरूतः गणेन कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्रम् अत्येति रेभन् । पूर्ण परमात्मा कविर्देव मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर अपने ज्ञान को कबीर बाणी के द्वारा अपने अनयायियों को सन्त व कवि रूप में कविताओं लोकोक्तियों के द्वारा उच्चारण करके वर्णन करता है । - सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा अनुवादित ।
वेद प्रमाणित करते हैं कबीर साहिब भगवान हैं पूर्ण परमात्मा कविर्देव ( कबीर परमेश्वर ) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है । - ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18


🔅कबीर परमात्मा ही सर्व के मालिक हैं, चाहे हिन्दू हों, मुस्लिम हों, सिख हों या ईसाई। इसका प्रमाण सर्व सदग्रंथों में विद्यमान है। 

🔅पवित्र बाईबिल- Iyov 36:5 भी प्रमाणित करती है कि  परमेश्वर कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं, (सामर्थी) हैं और विवेकपूर्ण हैं।
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता।

🔅पूर्ण परमात्मा कविर्देव सबके मालिक हैं। वही चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।

🔅पवित्र कुरान भी प्रमाणित करती है कि कबीर अल्लाह ही सबका मालिक है। क़ुरान में लिखा है कबीर अल्लाह ही पूजा के योग्य हैं।
वह सर्व पापों को विनाश करने वाले हैं। उनकी पवित्र महिमा का गुणगान करो - सुरत-फुर्कानि 25:58

🔅नानक देव जी की पवित्र वाणी भी प्रमाणित करती है 
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" सर्व के मालिक हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।

🔅सब का एक ही मालिक है कबीर परमात्मा। वही सतगुरु रूप में आकर तत्वज्ञान देते हैं।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।

🔅पवित्र वेद भी प्रमाण देते हैं कि सबका मालिक कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32

🔅"सर्व शक्तिमान सबका मालिक एक परमेश्वर कबीर ही है"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद

🔅सबका मालिक एक व उसका नाम कबीर (कविर देव) है। - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7

🔅सबका मालिक पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही पूर्ण मोक्षदायक हैं।

🔅कबीर परमात्मा सबका मालिक है, वही पाप का शत्रु है, पाप विनाशक है।
यजुर्वेद 5:32

🔅कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं 
"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।

🔅पवित्र कुरान प्रमाणित करती है अल्लाह कबीर साहेब ही सबके मालिक हैं।
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 52
कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अडिग रहना।



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Wednesday, April 15, 2020

Benefits of Satsang in English

Que:-- Why ne diseases keep appearing ?
Ans:----> Human beings eat the flesh of innocent animals to taste their mouth and do not do true devotion.  Therefore, new diseases are born.



To know, watch Satsang by JagatGuru Tatvdarshi Saint Rampal Ji Maharaj on Sadhna tv 07:30 pm



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Tuesday, April 14, 2020

Benefits of satsang in Hindi

🌿पूर्ण संत के सत्संग सुनने से विचारों में शुद्धता आती है और बुराइयां जड़ से खत्म हो जाती हैं।
🌿पूर्ण गुरु के सत्संग ने ही मीराबाई को मोक्ष का मार्ग देकर उसका जीवन ही बदल कर रख दिया। आप भी सुनें संत रामपाल जी महाराज का जीवन बदल देने वाला सत्संग।
🌿पूर्ण संत का सत्संग जीवन बदल देता है। पूर्ण संत के सत्संग की एक छोटी सी घड़ी भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। सदना कसाई बकरे काटता था। संत रूप में परमात्मा मिले और कुछ मिनटों के सत्संग ने उन्हें कसाई से भक्त बना दिया।
🌿तत्वदर्शी संत का सत्संग सुनने तथा उनके द्वारा बताई सतभक्ति करने से सभी तरह के रोगों का नाश होता है और स्वस्थ जीवन मिलता है।

🌿पूर्ण संत के सत्संग से नशा छूट जाता है, गृह क्लेश समाप्त हो जाता है, प्रेत बाधा समाप्त होती है। इसलिए पूर्ण सन्त के सत्संग देखें ईश्वर TV पर रात 08:30 बजे।

🌿पूर्ण संत के सत्संग सुनने से चरित्र निर्माण होता है जिससे स्वछ समाज व देश का निर्माण होता है।
🌿भक्ति ना करने वाले या शास्त्र विरुद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाएंगे। चाहे कोई किसी भी देश का राजा भी क्यों ना हो उसकी भी पिटाई की जाएगी। सतभक्ति और शास्त्र अनुकूल साधना क्या है ये ज्ञान तत्वदर्शी संत ही बताते हैं।

🌿पूर्ण संत का सत्संग श्रवण करने से पाखंडवाद और अंधविश्वास समाप्त होता है।

🌿पूर्ण गुरु के सत्संग सुनने से दुख दूर होते हैं और गृह क्लेश समाप्त होते हैं और जीवन का उद्धार होता है।
🌿हम जितना अधिक पूर्ण संत का सत्संग सुनेंगे उतने ही हमारे विकार नष्ट होते हैं।

🌿सच्चे सतगुरु के सत्संगों से हमें पता चलता है कि एक ऐसा परमात्मा है जो भयंकर से भयंकर रोग को भी समाप्त कर देता है फिर चाहे वह कोरोना जैसी महामारी भी क्यों न हो। 

🌿सत्संग मतलब सत्य का संग अर्थात जो संत सत्संग कर रहा हो उनके मुख से बोली गयी बातों का हमारे धर्मग्रन्थों में उचित प्रमाण हो। इसी तरह का प्रमाणित सत्संग संत रामपाल जी महाराज करते हैं।
🌿जिस परिवार में पूर्ण संत के सत्संग चलते हैं वहां मुसीबतें नहीं आती और वह परिवार सुखमय जीवन जीता है।

🌿असाध्य रोगों का इलाज सुनिए पूर्ण गुरु के सत्संग में। जहाँ कोरोना वायरस का अभी तक विज्ञान के पास कोई ईलाज नहीं है वहीं संत रामपाल जी महाराज के सत्संग के माध्यम से आपको इस महामारी का एक पुख्ता ईलाज मिलेगा। 
🌿पूर्ण संत का सत्संग सुनना अति आवश्यक है।
जिस काया को रोग मुक्त कराने के लिए मानव अपनी संपत्ति को भी बेच कर उपचार कराता है। वह काया भी उसके साथ नहीं जाएगी। माया तो दूर की बात है। ऐसी जानकारी केवल पूर्ण गुरु के सत्संग के माध्यम से ही प्राप्त होती है।

🌿 जब तक सच्चे सतगुरु के सत्संग के विचार सुनने को नहीं मिलते तो भूलवश मानव अहंकार में जीता है। सच्चे सतगुरु के सत्संग से पता चलता है कि परमात्मा अहंकार से कोसों दूर है। और इस मनुष्य शरीर का सदुपयोग कैसे करना चाहिए ये भी सत्संग में ही पता चलता है।
🌿तत्वदर्शी संत के सत्संग से पता चलता है कि परमात्मा खतरनाक बीमारी को भी खत्म कर देता है। यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 32 में प्रमाण है कि कबीर परमात्मा पाप के विनाशक हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गयी सतभक्ति नियम में रह कर करने से बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो सकती है।

Sunday, April 12, 2020

Bible

🌟 ईसा मसीह की मृत्यु के तीसरे दिन स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही आये थे भक्ति की लाज रखने के लिए। अन्यथा काल ब्रह्म भगवान से विश्वास ही उठा देता लोगों का।

🌟 पूर्ण परमात्मा जन्म मृत्यु से परे है, वह न तो माँ के गर्भ से जन्म लेता न ही उसकी मृत्यु होती है। ईसा मसीह जैसी पवित्र आत्मा की भी दर्दनाक मृत्यु हुई। फिर आम इंसान का कैसे बचाव हो सकता है। केवल पूर्ण परमात्मा कबीर जी ही अवविनाशी हैं, मोक्षदायक प्रभु हैं।

🌟 ईसा मसीह परमात्मा के पुत्र थे। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही सबके पिता हैं, उत्पत्ति कर्ता हैं। वही असली माता-पिता,भाई बंधु हैं। वह काल की तरह कभी धोखा नहीं देते।

🌟 मांस खाना परमेश्वर का आदेश नहीं !
पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29)
प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, माँस खाना नहीं कहा है।
🌟 उत्पत्ति ग्रन्थ 1:28
परमेश्‍वर ने उन्‍हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो और पृथ्‍वी को भर दो, और उसे अपने अधिकार में कर लो। समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों और भूमि के समस्‍त गतिमान जीव-जन्‍तुओं पर तुम्‍हारा अधिकार हो।’
परमात्मा ने मांस खाने का आदेश नहीं दिया।
🌟पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ) से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है, जिसने छः दिन में सर्व सृष्टी की रचना की तथा फिर विश्राम किया।
🌟भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने का आदेश दिया है - पवित्र बाईबल
🌟पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5। यहां स्पष्ट है की कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।
🌟अय्यूब 36:5 (और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।
परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।
🌟पवित्र बाइबिल (उत्पत्ति ग्रंथ) में लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त है तथा छः दिन में सृष्टी रचना करके सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।
🌟पवित्र बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ पृष्ठ 1 से 3 में लिखा है कि परमेश्वर ने 6 दिन में सृष्टि की सातवें दिन सिंहासन पर विराजमान हो गए। फिर आगे बाईबल में काल का जाल शुरू हो गया और सबको काल ने अपने जाल में फंसाने के लिए परमेश्वर के ज्ञान में मिलावट कर दी।

🌟हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था। 
🌟पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए स्वयं प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा ने ही ईसा जी की मृत्यु के पश्चात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा।
🌟यदि पूर्ण परमात्मा ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट नहीं होते तब ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15) ब्रह्म(काल) यही चाहता है

🌟काल (ब्रह्म) पुण्यात्माओं को अपना अवतार (रसूल) बना कर भेजता है। फिर चमत्कारों द्वारा उसको भक्ति कमाई रहित करवा देता है। उसी में कुछ फरिश्तों (देवताओं) को भी प्रवेश करके
कुछ चमत्कार फरिश्तों द्वारा उनकी पूर्व भक्ति धन से करवाता है। उनको भी शक्ति हीन कर देता है।

सत गुरु कौन है ?

♦️सतभक्ति से मोक्ष मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते ह...